बुरे वक्त में इस मंत्र का उपयोग करे | सफलता जरुर मिलेगी | संत और युवक की प्रेरणादायक कहानी

sant aur yuvak, prernadayak kahani, motivational story in hindi
संत और युवक की प्रेरणादायक कहानी

how to deal with problems in bad times : हर किसी को जीवन में कभी भी बुरे वक्त का सामना करना पड़ता हैं। ऐसी स्थिति में कोई जीतता हैं तो कोई हारता हैं। ऐसे समय से धैर्य (Patience) ही हमें बाहर निकाल सकता हैं। इस मंत्र को जीवन में उतार लीजिए कि संकट और असफलता की घड़ी में हमेशा धैर्य़ से ही काम लेना चाहिए। माना कि संकट के समय, या हार को सामने देखकर धैर्य रखना आसान नहीं है। अक्सर हमारे प्रयासों की विफलता हमें सफलता के मार्ग से भटका देती हैं। हम हार से नहीं हारते, बल्कि हार के भय से हार जाते हैं। नकारात्मक सोच से ही हमारी पराजय होती है। प्रयासों की कमी से ही सफलता हमसे छिटक जाती है।


जब कोई किसी बुरी स्थिति का सामना करते हैं, तो हर कोई सोचता है कि कोई हमें समझाने के लिए हमारे साथ हो, लेकिन मूल रूप से उस समय कोई भी करीब नहीं होता है। अकेलापन हम पर हावी हो जाता है। ऐसे में हम इतने निराश हो जाते हैं कि, हम फैसले भी सही नहीं ले पाते हैं। कभी कभी कोई आत्महत्या जैसे गलत कदम भी उठा लेता हैं।


ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर बेहतर तो यह है की हमें धैर्य और शांति से उस परिस्थिति का सामना करना चाहिए। हमें परिस्थिति के गुण दोष के आधार पर निर्णय लेना चाहिए न की घबराकर कोई कदम उठाना चाहिए जिससे की हमारे पक्ष में होने वाली बात का भी विपरीत असर हो जाये। सबसे बड़ी बात हमें किसी भी विपरीत स्थिति में धैर्य, सहनशीलता और शांति से निर्णय लेने की आदत डालनी चाहिए अगर ऐसा हुआ तो हम अपने जीवन में अवश्य सफल होंगे।


संत और युवक की यह प्रेरणादायक कहानी आपको अवश्य निराशाओं से, बिकट परिस्थिति से सामना करने में मददगार साबित होगी। और सफलता का शिखर चढ़ने में मदद करेगी।


ये भी पढ़े ; 8 बातें जो आपको सफल बना सकती है | सफल बनने के लिए है आवश्यक | 8 Keys to Success

संत और युवक 

पुरानी लोककथाओं के अनुसार, एक युवक जीवन में संघर्ष करते-करते थक गया था। परिवार में आर्थिक तंगी के कारण वह यहाँ वहां काम की तलाश में घूमता फिरता था। लेकिन उसे पैसा कमाने के लिए कोई काम नहीं मिल रहा था, इसलिए वह निराश हो गया और आत्महत्या करने का फैसला लेकर जंगल में गया । वहां उनकी मुलाकात एक संत से हुई। 

संतों ने उससे पूछा, "तुम यहाँ अकेले क्या कर रहे हो?" युवक ने संतों को अपनी सारी समस्या बताई। 

तब संत ने कहा कि, "आपको कोई काम जरूर मिलेगा, इसलिए निराश न हों।" 

उस युवक ने कहा कि, "मैं पूरी तरह थक चुका हूं, अब मुझसे कुछ नहीं होगा।" 

संत ने उससे कहा कि, "मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूँ। आपकी निराशा अवश्य दूर होगी।"

कहानी यह है कि एक छोटा लड़का था जिसने एक दिन बांस और नागफनी(कैक्टस) लगाया। वह प्रतिदिन दोनों पौधों की देखभाल करता था। कुछ समय बाद कैक्टस बड़ा हुआ, लेकिन बांस का पौधा वही रहा। लड़के ने हार नहीं मानी और वह उन दोनों की देखभाल करता रहा। ऐसे ही कुछ महीने बीत गए, लेकिन बांस का पौधा उतना बड़ा नहीं हुआ, जितना लड़का सोच रहा था। लेकिन वह लड़का निराश हुए बिना उस पौधे की देखभाल करता रहा। कुछ समय के बाद बाँस का पौधा बड़ा हो गया और कुछ ही दिनों में बाँस का पौधा नागफनी से भी बड़ा हो गया। 


दरअसल, बांस का पौधा पहले अपनी जड़ें मजबूत कर रहा था, इसलिए इसे बढ़ने में थोड़ा वक्त लगा। संतों ने उस युवक से कहा कि जब भी हमारे जीवन में संघर्ष हो तो हमें निराश नहीं होना चाहिए और ऐसे में हमें अपनी जड़ें मजबूत करनी चाहिए। एक बार जब आपकी जड़ें मजबूत होंगी तो आप अपने लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ेंगे। तब तक धैर्य रखना चाहिए। युवक संत की बातों को समज गया और आत्महत्या करने का विचार छोड़कर घर लौट आया।


तो इस प्रेरक कहानी की तरह बुरे वक्त में अपनी नींव को मजबूत करें। अगर हम अपनी नीव मजबूत बना लेते हैं, तो कैसा भी संकट क्यों ना हो, कितना भी बुरा वक्त क्यों ना हो हम उसका सामना जरुर करेंगे। और उसमें सफल भी होंगे. यदि आप हर चीज का समाधान ढूंढते हैं, तो आप निश्चित रूप से पाएंगे। तो अपने अंदर जोश जगाएं, होश बढ़ाएं, आसमान को छू लें. और नयी सफलताओं के सपने इन आंखों में भर लें। अपने मन को कभी मायूस न करे. बस अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जुटे रहें. कामयाबी आपको ही मिलेगी।


गौतम बुद्ध ने भी अपने शिष्यों को एक उपदेश में बताया था कि जब बार-बार असफलता मिल रही हो, तो हमें धैर्य बनाए रखना चाहिए और सही दिशा में आगे बढ़ते रहना चाहिए। धैर्य के साथ ही कड़ी मेहनत करने से हम लक्ष्य तक अवश्य पहुंच सकते हैं। 


ये भी पढ़े ;
1) सफल लोगों की 12 अच्छी आदतें | जो बनाती है उन्हें दूसरों से अलग

3) संघर्ष ही जीवन है | तितली की प्रेरणादायक कहानी


तो दोस्तों आपको यह लेख कैसा लगा। कमेंट बॉक्स में अपने विचार जरुर शेयर करे। और ऐसे ही motivational लेख पढ़ने के लिए www.anmolhindi.in के साथ जुड़े रहे।

Top Post Ad

Below Post Ad

Ads Area