क्या है सफलता का रहस्य | जाने और सफल बने | secret of success in hindi

Secret of success in hindi, safalta ka rahasya, सफलता का रहस्य
सफलता का रहस्य

secret of success in hindi : आखिर कैसे लोग सफलता हासिल करते हैं? अपने हर काम में वे कैसे कामयाब होते हैं? उनके सफलता का रहस्य क्या होगा? इन जैसे कई सवाल लोगों के जहन में आते रहते हैं। और वे सफलता प्राप्त करने के मार्ग खोजते रहते हैं। सफल होने के लिए हर एक नुस्खे को आजमाते हैं। पर भी कभी कभी वे असफल रहते हैं। और फिर वे सफल लोगों के पास जाकर उनके कामयाबी का रहस्य जानने का प्रयास करते हैं।


तब सफल लोगों का एक ही जवाब होता हैं, अपनी और दूसरों द्वारा की गई गलतियों से सीख लेकर आगे बढ़ना ही सफलता का रहस्य है। लेकिन जब गलतियों की बात आती हैं तब हर कोई अपनी नहीं बल्कि दूसरों की गलतियों को ढूंढते रहते हैं। और सीख लेने के बजाय ताना मारते रहते हैं। लेकिन जो कोई उन गलतियों से सीख लेता है वह कामयाबी का चव जरूर चखता हैं।


यहां पर एक बहुत ही प्रेरक प्रसंग प्रस्तुत कर रहा हूं। जरूर पढ़ें और सफलता का रहस्य जानेे।

गलतियों से सीखना ही सफलता का रहस्य हैं। Learning from mistakes is the secret of success


एक शहर में जीवन नाम का एक व्यक्ति रहता था। जीवन को पैदाइशी अमीरी मिली थी। यानी जीवन के परिवार में पुरखोंं सेे ही किसी चीज की कमी नहीं थी।


एक दिन जीवन ये सोचने लगा कि, मुझे पहले से ही सब कुछ मिला है, लेकिन अब मुझे भी कुछ करना चाहिए, ताकि मैं भी अपने परिवार में, समाज में एक सफल इंसान बन कर जीवन व्यतीत करूँ। जीवन पढ़ा लिखा था और उसके पास पैसे भी थे। इसलिए उन्होंने बिना रिसर्च किए एक कंपनी खोली, जिसमें उन्होंने बहुत सारा पैसा लगा दिया। जीवन बहुत जल्दी कामयाबी हासिल करना चाहता था। इसीलिए उन्होंने उसी साल एक दूसरी कंपनी खोल ली, जिसमे उसने अपना बचा हुआ बाकी पैसा भी लगा दिया। जीवन ने जल्दबाजी में दो कंपनियां खोल ली, पर वह अपनी किसी भी कंपनी को पूरा समय नहीं दे पा रहा था।


कुछ ही समय में जीवन की दोनों कंपनियां घाटे में चलने लगीं। उसके पास उस घाटे को पूरा करने के लिए पैसा नहीं बचा था। धीरे-धीरे कंपनी का घाटा बढ़ता चला गया और दूसरे ही साल जीवन की दोनों कंपनियां बंद हो गयीं। दोनों कंपनियां बंद होने के कारण जीवन हताश रहने लगा। उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। करे तो अब क्या करे कह कर वह निराश हो जाता था।


एक दिन जीवन ने उसी शहर के एक सफल व्यक्ति के पास जाकर सफलता का रहस्य जानने की कोशिश की। जीवन ने सफल व्यक्ति से पूछा आपकी सफलता का रहस्य क्या है? क्योंकि मैं भी सफल होना चाहता हूं। वह व्यक्ति बोला, "मैंने आप जैसे असफल लोगों से ही कामयाब होना सीखा है।" जीवन ने कहा, "मुझे आपकी बात कुछ समझ में नहीं आई, कृपया अपनी बात को स्पष्ट करें।" तब उस सफल व्यक्ति ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया पहले यह बताइये कि, "आप असफल क्यों हुए?"


जीवन ने अपनी सारी आपबीती उस व्यक्ति को बताई। तब वह व्यक्ति जीवन से कहने लगा, "आपकी असफलता के दो कारण है, पहला तो आपने दोनों कंपनी एक ही साल में खोल ली जिससे आप किसी भी एक कंपनी को पूरा समय नहीं दे पाए। दूसरा आपने अपनी कंपनियों में अपना सारा पैसा लगा दिया और जब आपको घाटा हुआ तो उससे उबरने के लिए आपके पास एक भी पैसा नहीं बचा।"


फिर उस व्यक्ति ने जीवन से पुछा, तो आपने अपनी इस असफलता से क्या सीखा? जीवन ने कहा, क्या बात कर रहे हो, क्या कोई अपनी असफलता से सीख ले सकता हैं। यदि मैंं सफल होता तो बहुत कुछ सीखता, पर मैं अपनी असफलता से सीख भी क्या सकता था।" तब वह सफल व्यक्ति जीवन से कहने लगा, "आपने अपनी खुद की असफलता से कुछ भी नहीं सीखा, इसीलिए आप अब भी असफल हैं। लेकिन मैं असफल लोगों की असफलताओं से ही सीखकर आज एक सफल इंसान हूं। मैं अपने और असफल लोगों के द्वारा की गयीं गलतियों से सीखता हूं और उन गलतियों को अपने जीवन में नहीं होने देता। यही मेरी सफलता का रहस्य है।"


दोस्तों, ये कहानी यही सीख देती हैं कि, हमें अपने गलतियों को स्वीकार कर के उनमें सुधार लाना चाहिए। क्योंकि हम अपनी गलतियों से सीख कर ही सफलता हासिल कर सकते हैं। ये जान ले कि, जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं की उसने कभी कुछ सीखने की कोशिश नहीं की। और हां, इस भागदौड़ के जीवन में गलतियां तो सबसे होती हैं। पर जो उन गलतियों को सुधारकर आगे बढ़ता है, वहीं व्यक्ति सफलता हासिल करता है।


गलतियां तो सफलता का ही हिस्सा हैं। आप थॉमस अल्वा एडिसन को तो जानते ही होंगे, जिन्होंने बिजली के बल्ब का आविष्कार कर के पुरी दुनिया को रोशन कर दिया। माना जाता है कि, उन्होंने बल्ब का आविष्कार करने के लिए हजारों बार प्रयोग किए थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आखिर बल्ब बनाने का तरीका निकाला ही लिया।


जब उनके कई एक्सपेरिमेंट असफल रहे, तब एक युवक ने एडिसन से पूछा कि, आप करीब एक हजार बार प्रयोग किए, लेकिन आपके सारे प्रयोग असफल हुए और आपकी मेहनत भी बेकार हो गई। क्या आपको दुख नहीं हुआ?"


एडिसन का जवाब सुनकर आप के अंदर भी एनर्जी भर जाएगी। एडिसन ने कहा, "मैं नहीं मानता कि मेरे एक हजार प्रयोग असफल हुए हैं और मेरी मेहनत बेकार गई हैं, बल्कि मैैंने एक हजार प्रयोग करके यह पता लगा लिया है कि, इन एक हजार तरीकों से बल्ब नहीं बनाया जा सकता। लेकिन मेरा हर प्रयोग मेंं बल्ब बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा छुपा था। और मैं अपने प्रत्येक प्रयास के साथ एक कदम आगे बढ़ता हूँ।


एक दिन एडिसन की मेहनत रंग लाई और उन्होंने बल्ब का आविष्कार कर लिया। और पूरी दुनिया को रोशन कर दिया।


एडिसन ने अपने असफल हुए एक हजार प्रयोगों से सीख ली होंगी, उनमें क्या गलती हुई हैं उन गलतियों को स्वीकार किया होगा। और अपने प्रयास को जारी रखा होगा। और अंत में एडिसन सफलता हासिल की।


तो सफलता के मार्ग पर पहुंचने के लिए हमें अपनी और दूसरों की गलतियों से सीख लेना चाहिए ताकि हम अपने भविष्य में खुद को बेहतर बना सकें।


तो आशा करते हैं, आप सफलता का रहस्य जान चुके होंगे। और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए तैयार हो गए होंगे। आपको यह लेख कितना पसंद आया कमेंट बॉक्स में अपने विचार जरूर शेयर करें।

और ऐसे ही motivational लेखों पढ़ने के लिए अनमोल हिंदी के साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

ये भी पढ़ें ;



Top Post Ad

Below Post Ad

Ads Area