आज भी प्रति मिनट 5 लाख से भी अधिक कमाने वाले बिल गेट्स की सफलता की कहानी, Bill Gates Success Story In Hindi

बिल गेट्स की सफलता की कहानी, bill gates success story in himdi
बिल गेट्स की सफलता की कहानी


Bill Gates Success Story In Hindi, जीवन में सफल होना हरेक की चाह होती हैं. पर सफलता उन्हें ही मिलती हैं जो अपना लक्ष्य तय करके उसे साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करता हैं. आज दुनिया के सभी सफल लोगों का जीवन आपके लिए जीवन में सफलता हासिल करने के लिए प्रेरणादायक हैं.


दुनिया के सबसे सफल और सबसे अमीर लोगों में से एक बिल गेट्स की सफलता की कहानी भी आपके लिए आपके जीवन में  सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत ही प्रेरणादायक हैं. बिल गेट्स की सफलता की कहानी आपको जीवन में पर्श से अर्श तक सफर करने के लिए प्रेरणा देने वाली हैं. क्योंकि जब भी हम successful person की success story को पढ़ते हैं, तब हमें सफल होने के कई राज मिलते हैं और हम भी उनके क़दमों पे क़दम रखकर सफलता को हासिल कर सकते हैं.


आज के इस लेख में आपको बिल गेट्स की सफलता की कहानी(Bill Gates success story) से परिचित कराएंगे. जानेंगे कि, बिल गेट्स ने अपने जीवन में सफलता को कैसे हासिल किया? बिल गेट्स कैसे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बने? बिल गेट्स की कुल संपत्ति कितनी हैं? बिल गेट्स की एक साल की, एक महीने की, एक दिन की, एक घंटे की, प्रति मिनट की और प्रति सेकंड की कमाई कितनी हैं? बिल गेट्स के सफलता के राज क्या हैं?


बिल गेट्स की सफलता की कहानी, Bill Gates Success Story In Hindi

बिल गेट्स का परिचय

बिल गेट्स किसी परिचय के मुहताज नहीं हैं. दुनिया का हर शिक्षित शख्स बिल गेट्स को जानता हैं. फिर भी हम संक्षिप्त में बिल गेट्स का परिचय देना चाहेंगे. 


बिल गेट्स USA के जाने माने और सूचना तकनीक क्रांति के दौर के सबसे सफल बिजनेसमैन हैं. बिल गेट्स माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक हैं और कई सालों तक माइक्रोसॉफ्ट के CEO भी रह चुके हैं. बिल गेट्स कई सालों तक दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति के तौर पर भी चुने जा चुके हैं.


आज बिल गेट्स दुनिया के सबसे बड़े दानवीर के तौर पर भी जाने जाते हैं. वह खासकर के वैश्विक स्वास्थ्य सेवा, गरीबी, शिक्षा और सामान्य लोगों तक सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.


बिल गेट्स का जन्म 28 अक्टूबर 1955 को अमेरिका के वाशिंगटन के सिएटल शहर में हुआ था. उनका पूरा नाम विलियम हेनरी गेट्स हैं. उनका जन्म एक उच्च-मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. बिल गेट्स के पिता पेशे से एक प्रतिष्ठित वकील थे और माँ एक बैंक के व्यवस्थापक मंडल की सदस्य थी. पिता का नाम बिल गेट्स एसआर(Bill Gates sr) और माता का नाम मेरी मैक्सवेल(Marry Maxwell) था.


बिल गेट्स की शिक्षा

बिल गेट्स लगभग 11-12 साल के होंगे, उस वक्त उनके माता-पिता ने उन्हें सिएटल लेकसाइड स्कूल में भर्ती किया था. वह बच्चपन से ही पढ़ने में काफी रुचि रखते थे. वह अपने स्कूल दिनों में स्कूल के किताबों के साथ साथ इनसाइक्लोपीडिया भी पढ़ा करते थे. और उन्हें कम उम्र में ही दुनिया में चल रहे संघर्ष और Competition का अंदेशा लग गया था.


सीएटल लेकसाइड स्कूल में विद्यार्थियों को खाली समय में कंप्यूटर दिए जाते थे. ताकि वे उसे जाने और सीखे. उसी समय से बिल गेट्स की कंप्यूटर में रूचि बढ़ने लगी और वह कंप्यूटर के साथ ज्यादा समय बिताने लगा. और बच्चपन में ही उन्होंने कंप्यूटर किस प्रकार काम करता हैं, इसकी जानकरी हासिल कर ली. 13 साल की उम्र में ही उन्होंने कंप्यूटर चलाने वाला, कंप्यूटर के खिलाफ ही खेल सके ऐसा tic-tac-tow नामक एक कंप्यूटर गेम बनाया.


इसी स्कूल में बिल गेट्स की दोस्ती उनसे दो साल बड़े पॉल एलन के साथ हुई. व्यवहारिक जीवन में इन दोनों के विचार बहुत ही अलग थे. पॉल एलन बहुत ही शर्मीले और शांत स्वभाव के थे, वहीं बिल गेट्स का स्वभाव काफी अलग था. पर कंप्यूटर के प्रति दोनों की धारणाएँ और विचारों में काफी समानता थी. और इनकी दोस्ती की वजह भी यही थी. 


अच्छे दोस्त बनने के बाद दोनों ज्यादातर समय कंप्यूटर लैब में प्रोग्रामिंग में ही बिताने लगे. कंप्यूटर सीखने के समय के अलावा भी वे लैब में ही रहते थे. कंपनी के सॉफ्टवेर के साथ छेड़खानी किया करते थे. और इस वजह से इन दोनों के लैब में जाने पर रोक लगा दी. लेकिन दोनों बच्चपन में ही कंप्यूटर का इतना ज्ञान प्राप्त कर लिया था कि, वे कंप्यूटर के प्रोग्राम की कमियां तक टिक कर लेते थे. और कंप्यूटर प्रोग्राम में मौजूद त्रुटियों को निकालने की शर्त पर इन दोनों को फिर से लैब में जाने की मंजूरी मिल गई. इसी दौरान Bill Gates ने एक और Software Program बनाया जो स्कूल के समय सारणी में काम आता था.


सन 1970 में जब बिल गेट्स 15 साल के थे, तब उन्होंने अपने दोस्त पॉल एलेन के साथ मिलकर एक ऐसा प्रोग्राम बनाया जिसकी मदद से सीएटल शहर(seattle city) के यातायात के स्वरूप पर नजर रखी जा सकती थी. और इस प्रोग्राम से शहर की यातायात की व्यवस्था को बेहतर करने में मदद मिलती थी. बिल गेट्स द्वारा बनाये गए इस प्रोग्राम का नाम था "Traf-O-Data". इस प्रोग्राम को बनाने के लिए बिल गेट्स और उनके दोस्त को 20,000 डॉलर मिले थे. जो की इनकी पहली कमाई थी.


इस शानदार शुरुआत के बाद बिल गेट्स और एलेन ने मन बना लिया था कि, एक कंप्यूटर प्रोग्राम बनाने वाली कंपनी की शुरुआत करे. इनके माता-पिता बिल और एलन के निर्णय के खिलाफ नहीं थे, पर बिल गेट्स के माता-पिता ये चाहते थे कि, बिल गेट्स पहले स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर ले. और माता-पिता के इच्छा के अनुसार बिल गेट्स ने अपनी पढ़ाई जारी रखी. 1973 में लेकसाइड स्कूल की SAT परीक्षा में बिल गेट्स ने 1600 अंकों में से 1590 अंक हासिल कर के सबको चौकीत कर दिया. और अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय भी दे दिया था.


Harvard University में दाखिला,

बिल गेट्स के माता-पिता उनके बच्चपन से चाहते थे कि, बिल law की पढ़ाई कर के वकालत में अपना करियर बनाए. यानी पिता के तरह वकील बने. इस कारण माता-पिता के कहने पर बिल ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अपना दाखिला करवा लिया.


हार्वर्ड यूनिवर्सिटी दुनिया का वह विश्वविद्यालय है, जहाँ दुनियाभर के छात्र शिक्षा हासिल करने का सपना देखते हैं. और उसके लिए मेहनत भी करते हैं. बिल गेट्स ने यहाँ law की पढ़ाई के लिए दाखिला ले लिया, पर उनका मन कंप्यूटर प्रोग्रामिंग पर ही जाने लगा. और अंत में उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में से law की पढ़ाई को अधूरी ही छोड़ दी.


इससे मिली माइक्रोसॉफ्ट की शुरुआत करने की प्रेरणा 

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की शुरुआत के एक साल पहले बिल गेट्स और एलेन को अल्टेयर 8800 कंप्यूटर के बारे में जानकारी मिली. इस कंप्यूटर को एड रोबर्ट्स कंपनी द्वारा बनाया गया था. और इस कंपनी के मालिक यानि एड रोबर्ट्स अपने इस कंप्यूटर को चला सके ऐसा सॉफ्टवेयर बनवाना चाहते थे. और  इसके लिए कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के महारथी की खोज कर रहे थे.


यह खबर सुनकर दोनों बहुत ही खुश हुए. क्योंकि बिल और एलन के पास अपनी किस्मत चमकाने का बड़ा मौका था. और उन्होंने तुरंत अल्टेयर 8800 कंप्यूटर को बनाने वाली कंपनी से संपर्क किया. और बताया कि, वे एक बेसिक कंप्यूटर के प्रोग्राम पर काम कर रहे हैं, जो इस कंप्यूटर को चलाने में सक्षम होगा. और उसके बाद इन दोनों ने हार्वर्ड कंप्यूटर सेंटर में पुरे दो महीने तक रात-दिन एक कर के कड़ी मेहनत की. और एक सॉफ्टवेयर बनाया.


1975 में बिल और एलन द्वारा बनाया गया सॉफ्टवेयर को टेस्ट करने के लिए एलन अल्टेयर 8800 को बनाने वाली कंपनी के पास गए. और जब वह सॉफ्टवेयर अल्टेयर 8800 में इनस्टॉल किया गया, तो वह सही तरीके से काम करने लगा. इस सफलता ने दोनों को बहुत ही सम्मान दिलाया. और दोनों ने फिर कभी न रुकने का फैसला कर लिया.


माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना

13 साल की उम्र में ही कंप्यूटर के प्रोग्राम के साथ खेलने वाले बिल गेट्स ने 18 साल की उम्र तक कंप्यूटर का पूरा ज्ञान प्राप्त कर लिया था. और अल्टेयर 8800 को चला सके ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने में सफलता मिलने के बाद अपने सपने को सकार करते हुए बिल गेट्स ने अपने दोस्त पॉल एलन के साथ मिलकर माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना की. और एड रोबर्ट्स कंपनी के साथ मिलकर काम करने लगे.


बिल और एलन ने सॉफ्टवेयर बनाकर अल्टेयर 8800 को चलाना आसान कर दिया था. और इसके कारण कंप्यूटर प्रेमी काफी खुश थे. लेकिन बिल और एलन को एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा था. लोग इस कंप्यूटर को खरीद तो लेते थे, पर सॉफ्टवेयर खरीदने के बजाय एक दुसरे के साथ शेयर कर लेते थे. जिसके कारण बिल और एलन की कड़ी मेहनत पर पानी फेर गया था. दोनों निराश तो थे, पर पीछे हटने वाले नहीं थे.


बाद में बिल ने अपनी कंपनी को टॉप पर ले जाने के लिए कड़ी मेहनत की. बिल कोड लिखने के काम भी करते और कंपनी के हर काम को संभालते थे. बिल अपने कर्मचारीयों द्वारा बनाए गए कोड को खुद चेक करते थे. और उसमे से एरर को भी निकालते थे. कजरुरत पड़ने पर कोड के कुछ भागों को खुद फ़िर से लिखते थे. धीरे-धीरे बिल की मेहनत और लगन काम करने लगी. और कंपनी की तरकी दिन-ब-दिन बढ़ती गई.


IBM के लिए बनाया MS-DOS

1980 में माइक्रोसॉफ्ट के पास एक बड़ा मौका आया, जिससे माइक्रोसॉफ्ट को बहुत ही प्रसिद्धि मिली. और वह मौका था उस समय की सबसे बड़ी कंप्यूटर निर्माता कंपनी IBM ने अपने पर्सनल कंप्यूटर के लिए माइक्रोसॉफ्ट को सॉफ्टवेयर बनाने के लिए अनुरोध करना.


बिल और एलन ने IBM द्वारा दिए गए प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया. और इस कंपनी के लिए उन्होंने एक नए सॉफ्टवेयर  'microsoft MS-DOS' बनाया. जो कि, IBM PC को चला सके. और सफलता भी हासिल की. लेकिन अल्टेयर 8800 के सॉफ्टवेयर को बनाने के बाद जिस समस्या को झेलनी पड़ी थी, उसका सामना फिर से ना हो, इस वजह से बिल गेट्स ने बड़ी ही चतुराई से IBM के सामने एक शर्त रखी.


और शर्त यह थी कि,  IBM जितने भी पर्सनल कंप्यूटर बेचे उन सभी कंप्यूटरों में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा बनाए गए  'MS-DOS' सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल कर के बेचे. ताकि IBM जितने कंप्यूटर बेचे उन सभी कंप्यूटर पर माइक्रोसॉफ्ट भी पैसे कमाए. और इसी शर्त के कारण IBM जितने भी कंप्यूटरों में MS-DOS को इनस्टॉल कर के बेचता था, उन सभी कंप्यूटरों से माइक्रोसॉफ्ट को लायसेंस फी चुकाता था.


उस समय IBM की तरह कंप्यूटर बनाने वाली अन्य कंपनियां भी बाजार में आई. और माइक्रोसॉफ्ट ने उन्हें भी अपना सॉफ्टवेयर बेचा. और माइक्रोसॉफ्ट एक सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी के तौर पर दुनिया में फेमस हुई.


1983 तक माइक्रोसॉफ्ट का टर्न ओवर 4 मिलियन डॉलर से बढ़कर 16 मिलियन डॉलर हो गया. और माइक्रोसॉफ्ट दिन-ब-दिन नई नई ऊंचाईयों को छु रही थी. माइक्रोसॉफ्ट के सफलता के साथ ही बिल गेट्स 28 साल की उम्र में एक सफल बिजनेसमैन के तौर पर उभरे.


31 साल की उम्र में बने अमीर

शरुआत के 5-6 साल बाद माइक्रोसॉफ्ट दुनियाभर में फेमस हो चूका था. और उस समय लगभग 30 प्रतिशत से भी अधिक कंप्यूटरों में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा बनाया गया सॉफ्टवेयर चलाया जाता था. और माइक्रोसॉफ्ट की इस सफलता में सबसे बड़ा हाथ था बिल गेट्स का. 


माइक्रोसॉफ्ट को मिल रही सफलता के साथ ही बिल गेट्स भी दुनिया में काफी फेमस होने लेगे. और माइक्रोसॉफ्ट के साथ ही बिल की आय भी बढ़ने लगी. 31 साल की उम्र में ही बिल गेट्स दुनिया के टॉप अमीरों की लिस्ट में शामिल हो गए. वह उस समय सबसे यंग अरबपति के रूप मर देखे जाते थे.


आपको बता दे कि, बिल ने पढाई के दौरान ही कंप्यूटर प्रोग्राम बनाकर 4,200 डॉलर कमा लिए थे. बिल ने अपनी पढ़ाई के दौरान अपने एक शिक्षक से कहा था कि, "मैं 30 वर्ष कि उम्र में करोडपति बनकर दिखाऊंगा". और 31 वर्ष में वह अरबपति बन गये.


MS-Windows

MS-DOS के सफलता के बाद बिल में 1985 में “विंडोज” (Windows) नामक ऑपरेटिंग सिस्टम को दुनिया के सामने रखा. विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम MS-DOS से काफी अलग था. और कंप्यूटर प्रेमियों के लिए आसान भी था.


विंडो ऐसी प्रणाली थी जो माउस(Mouse) के माध्यम से चलता था. और ग्राफिक्स के आधार पर पाठ(text) और छवि(image) को स्क्रीन पर दिखाता था. MS-DOS में सभी पाठ स्क्रीन पर कोड के रूप में दिखाई होते थे और प्रिंटर करते समय यह पता नहीं चलता था कि, कौनसा दस्तावेज़ प्रिंट करना हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए Microsoft ने विंडो बनाई जो उपयोगकर्ता को दस्तावेज़ ग्राफिक्स के रूप में दिखाया गया था, जिससे उसे उपयोग करने में आसानी हो गई हैं. इसी कारण से बहुत लोगो ने यह विंडो ख़रीदा हैं.


1993 में विंडोज के पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या 25 मिलियन तक पहुंच गई थी. इसी प्रकार विंडोज दुनिया का सबसे लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम बना. आज दुनिया के हर कोने में इसी ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता हैं. आज दुनिया के 98 फीसदी कंप्यूटर ms-window पर ही निर्भर है. 


बिल गेट्स की कुल संपत्ति

बिल गेट्स आज भी दुनिया के टॉप अमीरों की सूचि में बने हुए हैं. उन्होंने एक बार कहा था कि "धैर्य ही सफलता की कुंजी है". और बस कल्पना कीजिए कि, उसने इतनी बड़ी ऊंचाई तक पहुंचने के लिए कितना धैर्य रखा होगा जहां कोई भी आपको हरा नहीं सकता है.


बिल गेट्स की कुल संपत्ति की बात करे तो, 11,900 करोड़ अमेरिकी डॉलर आंकी गई हैं. जो भारतीय मुद्रा में लगभग 87,68,65,18,50,000,00 रूपये होती हैं.

  • बिल गेट्स की नेट वर्थ(Net Worth 2021)  - $ 119 बिलियन
  • भारतीय रुपए में नेट वर्थ(Net Worth In Indian Rupees) - 8.76 लाख करोड़ रु
  • वार्षिक आय(yearly Income) - $ 4 बिलियन +
  • मासिक आय और वेतन(Monthly Income And Salary)  -  330 मिलियन +
  • प्रति दिन आय(Per Day Income) - $ 10,959,000
  • प्रति घंटा आय(Per Hour Income) - $ 456,625
  • प्रति मिनट आय(Per Minit Income) - $ 7,610
  • प्रति सेकंड आय(Per Second Income) $ 127


बिल गेट्स की कमाई के स्रोत


बिल गेट्स की कमाई का प्रमुख स्रोत माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों से आता हैं. जो लगभग 15 बिलियन अमरीकी डॉलर के मूल्य के हैं. और शेष 70 बिलियन अमरीकी डालर के थोक मूल्य उस विभिन्न संगठन से आते हैं जिसे उन्होंने शुरू किया था. साथ ही उनके व्यक्तिगत निवेश भी उनका कमाई का स्रोत हैं.

बिल गेट्स का परिवार


एक सफल व्यक्ति के तौर पर उभर ने बाद बिल गेट्स, 36 साल की उम्र में यानी 1994 में माइक्रोसॉफ्ट में ही काम करने वाली मेलिंडा के साथ विवाह बंधन में बंध गए.

बिल गेट्स तथा मेलिंडा के तीन बच्चे हैं, जिनके नाम जेनिफर कैथरीन, रोरी जॉन गेट्स तथा फोएबे अदेले गेट्स हैं. वर्तमान में बिल गेट्स अपने परिवार के साथ वाशिंगटन स्थित मेडिना में उपस्थित अपने सुन्दर घर में रहते हैं, जिसकी कीमत 1250 लाख डॉलर हैं. शुरुआत में कड़ी मेहनत का फलस्वरूप आज बिल गेट्स अपने परिवार के साथ ऐशोआराम की जिंदगी जी रहे हैं.


परोपकारी कार्य

बिल गेट्स दुनिया के टॉप अमीरों की सूचि में शामिल होने के साथ साथ ही वह परोपकारी कामों को करने वाले समाजसेवी लोगों में भी टॉप पर हैं. बिल और उनकी पत्नी ने मिलकर सन 2000 में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की स्थापना की. यह फाउंडेशन परोपकारी कामों के लिए जाना जाता हैं. और दुनिया सबसे बड़े निजी संस्थाओं में से एक हैं.


उनका यह फाउंडेशन ऐसी समस्याओं के लिए कोष दान में देता हैं, जो सरकार द्वारा नज़र अंदाज़ कर दी जाती हैं. जैसे कि कृषि, कम प्रतिनिधित्व वाले अल्पसंख्यक समुदायों के लिये कॉलेज छात्रवृत्तियां, एड्स जैसी बीमारियों के निवारण हेतु, इत्यादि.


पहले यह सिर्फ स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार करने के लिए काम करता था. लेकिन बाद में शिक्षा क्षेत्र को भी सुधारने में हाथ बढ़ाया. आपको बता दे कि, बिल गेट्स हर साल भारत आ कर भारत के गरीबों के लिए महत्वपूर्ण कार्य करते हैं.


बिल गेट्स: एक बेहतर लेखक

बिल गेट्स एक सफल बिजनेसमैन के साथ साथ एक बेहतर लेखक भी हैं. उन्होंने अभी तक दो किताब भी लिखे हैं. 


बिल ने 1995 में The Rod Ahead नाम की अपनी पहली किताब लिखी थी. और बिल की यह किताब न्यूयॉर्क शहर में सात हफ़्तों तक सबसे अच्छी बिकी गई किताबों की सूचि में पहले पायदान पर रही थी.


बिल गेट्स ने 1995 में ही अपनी दूसरी किताब Business @ The Speed of Thought, बिजनेस एट स्पीड ऑफ़ थॉट लिखी, जो आज तक 25 भाषाओं में छप चुकी हैं.


पढ़ने में सर्वाधिक रूचि

बिल गेट्स अपनी सफलता में किताबों को काफी महत्व देते हैं. वे बच्चपन से ही पढ़ने में काफी रूचि रखते हैं. और आज भी वह 500 पेज रोजाना पढ़ते हैं. बिल गेट्स के दोस्तों के मुताबिक, वह करीब 70 घंटे लगातर पढ़ते रहते थे. और उनके जैसा पढ़ने वाला कोई नहीं था. जब वह रात को सोने से पहले पढ़ने के लिए बैठते थे, तब वह अपने जूते भी नहीं उतारते थे, क्योंकि उन्हें लगता था जूते उतारने में समय बर्बाद हो जाएगा.


बिल गेट्स के मुताबिक, "अगर आपको अपने जीवन में सफल होना है, कुछ नया करना हैं तो किताबों को जरुर पढ़े. क्योंकि आप जितने किताब पढ़ेंगे उतनी ही आपको सफल होने की प्रेरणा मिलेगी. हर सफल और कामयाब शख्स भी हर रोज नई नई किताबें पढ़ता रहता है. और उनकी सफलता का रहस्य भी यहीं हैं."


बिल गेट्स सफल लोगों की जीवनी पढ़ने को भी कहते हैं. उनके मुताबिक, "सफल लोगों की बायोग्राफी पढ़ने से ही आप में उनके जैसा सोचने की क्षमता विकसित होती हैं. और आप भी उनके तरह ही  दुनिया से अलग हट के कुछ बड़ा काम कर सकते हैं".

Bill Gates को मिली उपलब्धियां / पुरुस्कार:

बिल गेट्स को उनकी उपलब्धि(achivement) के लिए पूरी दुनिया में एक पहचान मिली. उन्होंने कोई universities से डॉक्टर की उपाधियों और अवार्ड्स भी प्राप्त किए हैं.

बिल गेट्स को डॉक्टर की उपाधियाँ देने वाली यूनिवर्सिटी:

  • Royal Institute of Technology (Stockholm, Sweden)
  • Nyenrode Business Universiteit, (Breukelen, The Netherlands, 2000)
  • Tsinghua University (Beijing, China, April 2007)
  • Harvard University (Cambridge, USA, June 2007)
  • Karolinska Institutet (Stockholm, Sweden, 2007)
  • Cambridge University (Cambridge, USA, June 2009)

बिल गेट्स को मिले पुरुस्कार :

  • 2005 में  रानी एलिज़ाबेथ II ने Bill Gates को British Empire के कमांडर की पदवी से नियुक्त किया.
  • 2006 में Mexican सरकार ने Bill Gates और उनकी पत्नी Melinda Gates को स्वास्थ्य और शिक्षा में सहयोग देने के लिए पुरस्कार प्रदान किया.
  • 2010 में The Franklin Institute ने बिल गेट्स को Microsoft की Bower पुरस्कार प्रदान किया.


आखिर में आपको बता दे कि, बिल गेट्स आज माइक्रोसॉफ्ट में नहीं बल्कि बिल एंड मलिंडा गेट्स फाउंडेशन में अपना पूरा समय बिता रहे हैं. और अच्छे काम करने में ही ख़ुशी जता रहे हैं. माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में बिल गेट्स का आखरी दिन था 27 जून 2008.


बिल गेट्स की सफलता की कहानी से एक पॉइंट सामने आता हैं. खुद की काबिलियत को पहचानना. और अपने काबिलियत के अनुसार अपने लक्ष्य को तय कर के उसे पाने के लिए कड़ी मेहनत करना. तब जाकर हम एक सफल जीवन जी सकते हैं. या जीवन में सफलता हासिल कर सकते हैं.


तो आशा करते हैं आपको बिल गेट्स की सफलता की कहानी(Bill Gates Success Story)  यह लेख बहुत ही पसंद आया होगा. और जीवन में सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा जरुर मिली होगी. इस लेख को लेकर आपके विचार हमारे साथ जरुर शेयर करे.

और अगर आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो हमें जरुर संपर्क करें. धन्यवाद

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