घड़ी का आविष्कार |
हाथ के कलाइयों में बंदी हुई घड़ी, घर या ऑफिस के दीवार पर टंगी हुई घड़ी के बारे में हरेक को पता हैं. पर क्या आप जानते उस घड़ी का इतिहास? घड़ी का आविष्कार कब हुआ? घड़ी का आविष्कार किस ने किया? अगर नहीं तो इस लेख को जरुर पड़े. यह लेख आपके लिए रोचक और फायदेमंद साबित होगा.
घड़ी का इतिहास, History of watch in hindi
घड़ी के आविष्कार से पहले, Before the invention of the watch in hindi
समय की सही जानकारी देनेवाली इस घड़ी का आविष्कार होने से पहले लोग सूरज की रोशनी को देखकर या पानी के उतार-चढ़ाव को देखकर समय का पता लगाते थे. पर जब आकश में बादल छाए हुए रहते होंगे, तब समय का सही पता लगाना बेहद ही मुश्किल साबित होता होगा. ऐसे में लोगों ने जल घड़ी का आविष्कार किया. और उसका श्रेय चीन के "सु संग" नामक व्यक्ति को जाता हैं, जिन्होंने जल घडी बनायीं थी.
हालाँकि लगभग सवा दो हजार साल पहले प्राचीन यूनान(ग्रीस) में पानी से चलने वाली अलार्म घड़ियाँ हुआ करती थीं जिनमें पानी के गिरते स्तर के साथ तय समय बाद अलार्म बज जाता था.
घड़ी का आविष्कार किसने किया, inventor of watch in hindi
कलाई पर पहनने वाली घड़ी का आविष्कार कब हुआ, When was the watch invented in hindi
वर्तमान में मौजूद घड़ी का आविष्कार काफी पेचीदा रहा हैं. आज हम जिस तरह की घड़ी का इस्तेमाल करते हैं. वैसी घड़ी का आविष्कार एक बार में नहीं हुआ हैं. जर्मनी के पीटर हेलेन ने एक जगह से दूसरी जगह पर ले जा सके ऐसी घड़ी को बनाया. उसके बाद 1577 ई. में स्वीटजरलैंड के जॉस बर्गी ने अपने खगोलशास्त्री मित्र के लिए मिनट की सुई वाली घड़ी का आविष्कार किया.
लेकिन आज हम जिस घड़ी को अपने हाथ के कलाई पर बांधते हैं. टिक वैसी ही घड़ी फ्रांस के गणितज्ञ और दार्शनिक ब्लेज पास्कल ने बनाई थी. उन्होंने उस घड़ी को छोटी रस्सी की मदद से अपने हथेली पर बांध ली थी, ताकि काम करते समय वह उसे देख सके. आपको बता दे कि, यह वही ब्लेज पास्कल हैं, जिन्होंने कैलकुलेटर का आविष्कार भी किया था.
घडियों के प्रकार, Watches Type in hindi:
घड़ी के बारे में 10 रोचक जानकारी, 10 interesting information about the watch in hindi
1) हंगरी की राजकुमारी कोस्कोविक्ज को दुनिया की पहली घड़ी पहनने का श्रेय जाता हैं. उन्होंने 1868 में पाटेक फिलिप द्वारा बनाई गई घड़ी पहनी थी.
5) कलाई पर पहनने वाली घड़ी बाजार में आने के बाद कई सालों तक घड़ियों को सिर्फ महिलाएं ही पहनती थी. पुरुषों में घड़ी पहनने का आरंभ प्रथम विश्व युद्ध के बाद हुआ.
6) हथेली पर बांधने वाली घड़ी का चलन 1904 से शुरू हो गया था. लेकिन बाजार में आते आते 7 वर्ष लग गए थे.
7) आज घड़ी सिर्फ धरती तक ही सिमित नही रही है यह अंतरिक्ष में भी पहुच चुकी है. आपको बता दे कि, चाँद पर जाने वाली घड़ी का नाम ओमेगा स्पीडमास्टर हैं.
8) घड़ी के spares बनाने में स्वीटजरलैंड दुनिया में पहले पायदान पर हैं. यहाँ से ही घड़ी के सर्वाधिक spares दुनिया के कोने कोने में निर्यात किये जाते हैं.
9) दुनिया की सबसे महंगी घड़ी super knpitiketed हैं. जिसकी मूल्य 68 मिलियन हैं. यह एक पॉकेट घड़ी हैं.
10) वर्तमान में रोलाक्स ब्रांड सबसे ज्यादा घड़ियों का उत्पादन करता हैं. जहाँ प्रति दिन 2000 घड़ियाँ की निर्मिती होती हैं.